कैसे साइबर अपराधी कर रहे लोगो की गाढ़ी कमाई खाली......
आज के समय में जैसे इंटरनेट का चलन ज्यादा बढ़ा है वैसे ही साइबर ठगों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है सरकार लोगो को साइबर क्राइम से बचने के लिए नए नए अवेर्नेस प्रोग्राम चला रही है उसमे ही साइबर ठग लोगो को ठगने के नए नए तरीके अपना रहे है ऐसा ही एक मामला दिल्ली से आया है चलिए इस आर्टिकल के माध्यम से मामले को जानते हैं।
पुलिस के मुताबिक, साइबर सेल को ऑनलाइन निवेश और डिजिटल अरेस्ट के जरिए ठगी की कई शिकायतें मिल रही थीं। इन शिकायतों की तकनीकी जांच में पुलिस को पता चला कि आरोपी राजस्थान और हरियाणा से इस ठगी को अंजाम दे रहे थे। पुख्ता सबूत मिलने के बाद पुलिस टीम ने एक हफ्ते तक विशेष अभियान चलाया और राजस्थान के टोंक, जयपुर, सीकर और हरियाणा के सिरसा में दबिश दी।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
पुलिस ने सबसे पहले टोंक, राजस्थान से दीपक को गिरफ्तार किया। दीपक ने खुलासा किया कि वह रूपेश मीणा नाम के एक व्यक्ति के संपर्क में आया था, जिसने उसे बैंक अकाउंट और सिम की व्यवस्था करने के लिए कहा था। इसके बाद सीकर के रहने वाले सुरेंद्र कुमार डूडी को जयपुर से पकड़ा गया। सुरेंद्र ने बताया कि उसके चचेरे भाई धर्मेंद्र डूडी ने उसे इस फर्जीवाड़े में शामिल किया था। अंत में, सिरसा, हरियाणा के राजवीर को दिल्ली के एक ठिकाने से गिरफ्तार किया गया। राजवीर ने बताया कि उसके एक दोस्त गौरीशंकर ने उसे अपनी फर्म के नाम पर चालू अकाउंट खुलवाया था और उन्हीं खातों में ठगी की रकम आती थी।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से दो ग्रेजुएशन और लॉ की पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि तीसरा बेरोजगार है। यह घटना दर्शाती है कि कैसे साइबर अपराधी युवाओं को पैसे का लालच देकर अपराध का हिस्सा बना रहे हैं। पुलिस अब इन तीनों से पूछताछ कर रही है ताकि इस बड़े साइबर ठगी रैकेट के मास्टरमाइंड तक पहुंचा जा सके।
पुलिस इन्वेस्टीगेशन कर रही है धीरे धीरे और भी लोगो के नाम आ सकते हैं जो लोग इस मामले से जुड़े हैं।

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