भानगढ़ किले का रहस्य: क्या सच में यहाँ रहते हैं भूत?
भानगढ़ किले का इतिहास
इस किले का निर्माण 1573 ईस्वी में राजा भगवंत दास ने करवाया था। बाद में यह उनके पुत्र मान सिंह प्रथम के अधीन आया। यह किला अपने समय में एक समृद्ध नगर था, लेकिन आज यह एक उजाड़ खंडहर बन चुका है।
क्यों है भानगढ़ किला शापित?
स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, इस किले पर एक तांत्रिक सिंधु सेवड़ा का शाप है। कहा जाता है कि वह राजकुमारी रत्नावती का दीवाना था, जो अद्भुत सुंदरता की मालकिन थी।
राजकुमारी और तांत्रिक की डरावनी कहानी
एक दिन राजकुमारी इत्र खरीद रही थी, तभी तांत्रिक ने उस पर काला जादू कर दिया।
राजकुमारी ने इत्र की शीशी पत्थर पर फेंक दी, जो तांत्रिक पर जा गिरी और उसकी मौत हो गई।
मरने से पहले तांत्रिक ने शाप दिया कि भानगढ़ का पतन हो जाएगा और यहाँ रहने वालों की आत्माएं भटकती रहेंगी।
कुछ ही समय बाद, एक युद्ध में भानगढ़ के सभी लोग मारे गए और किला खंडहर बन गया।
क्या वाकई यहाँ भूत हैं?
वैज्ञानिकों का मानना है कि ये सभी कहानियाँ मनोवैज्ञानिक भ्रम या लोककथाएँ हो सकती हैं। लेकिन फिर भी, किले का डरावना माहौल और उजाड़ खंडहर लोगों को रोमांचित कर देता है।
क्या आप भानगढ़ किला घूमने की हिम्मत रखते हैं?
अगर आपको डरावनी जगहों में यकीन है, तो भानगढ़ किला आपके लिए एक परफेक्ट स्पॉट है! लेकिन याद रखें—सूरज ढलने से पहले निकल जाना! 🌄👻
📌 पिन करो और शेयर करो! क्या आप कभी भानगढ़ किला गए हैं? कमेंट में अपने अनुभव बताएं! 👇

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