एक कहानी: वो चार गिलास जहर... जिसने लील ली एक परिवार की जिंदगी.....

जहर की 30 गोलियां और चार ग्लास और एक सुसाइड नोट: माँ-बेटे और पोते-पोती ने दे दी जान, बच्चो ने माँ को सम्पति सम्पति से बहार रखने की अपील....



एक भयावह घटना में सागर जिले के खुरई थाना क्षेत्र के गांव टीहर में एक परिवार के चार सदस्यों ने जहर पीकर सामूहिक आत्महत्या कर ली। मृतकों में मनोहर लोधी (45), उसकी मां फूलरानी (70), बेटी शिवानी (18) और बेटा अनिकेत (16) शामिल हैं। घटना के बाद पुलिस को सुसाइड नोट मिला, जिसमें संपत्ति का बंटवारा और मां को हक से वंचित रखने की बात लिखी थी।.....


सुसाइड नोट में क्या लिखा था?

पुलिस को मिले सुसाइड नोट (हस्तलिखित) में संपत्ति का विस्तृत बंटवारा किया गया था। इसमें मनोहर के बच्चों ने लिखा:

"हमारी पूरी जमीन तीन भाइयों को जाती है। जगदीश की सेवा जो करेगा, उसे ही उसकी जमीं मिलेगी। हमारी माँ  का सम्पति पर कोई हक़ नहीं रहेगा। 3 भैंसें हैं। जो एक-एक बुआ  और चाचा को दी जाये। भैंस की पड़िया (बछिया ) बड़े पापा को सौंपी जाये। पूजा के बर्तन और सामग्री गांव के पंडित जी को दिए जाएँ। "


कहानी है मनोहर लोथी सामूहिक आत्महत्या कांड की, मनोहर लोथी एक ऐसा आदमी जो गांव में अपने परिवार अपने बच्चो  के साथ ख़ुशी ख़ुशी रहता था परिवार में वो उसकी माँ फुलरानी देवी, उसकी पत्नी द्रोपदी और उसके दो बचे जिनका नाम क्रमशः शिवानी जिसकी उम्र 18 और अनिकेत जिसकी उम्र तक़रीबन 16 साल थी। सभी हसीं ख़ुशी रहते थें लेकिन एक रात कुछ ऐसा हुआ जिसने देश के हर एक इंसान की रूह कपां दी। शुक्रवार की रात अचानक से गांव वालों को ये खबर मिली की मनोहर के घर कुछ अनहोनी हो गई है। सभी गांव वाले जब भाग के मनोहर के घर पहुंचे तो पाया की मनोहर की माँ फुलरानी देवी मनोहर और उसके दोनों बच्चे निचे फर्श पर बदहवास अवस्था में पड़े हुए थें। जिसमे से मनोहर की माँ फुलरानी देवी और उसके बेटे अनिकेत मृत अवस्था में पाए गएँ वही मनोहर और उसकी बेटी शिवानी अभी बेहोशी की हालत में पड़े थें। 


गांव वालों ने आनन फानन में मनोहर के परिवार को अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन डाक्टर उन्हें बचा नहीं पाएं। 



आखिर एक हस्ते खेलते परिवार पर किसकी नजर लग गई? आखिर ऐसी क्या हुआ था जिस वजह से मनोहर और उसके परिवार को इतना कठिन कदम उठाने पे मजबूर होना पड़ा?

इन सब घटना के बाद पुलिस आई पुलिस ने अपने तरीके से सारे पहलुओं को समझा गांव वालों और परिजनों से पूछताछ की। गांव वालों ने पुलिस को बताया की मनोहर काफी हसमुख और मिलानसार आदमी था वो गावं के हर आदमी से घुलता मिलता रहता था। लेकिन कुछ दिनों से वो काफी उदास सा रहने लगा था न किसी से बात करता न हंसी मजाक करता बस गुमसुम सा रहता था। कभी कभी अपने खेत के मेड पे घंटो बैठा रहता और लोगो के ये पूछने पर की सब ठीक ठाक हैं? जवाब तक नहीं देता था। 

कारण थी उसकी पत्नी द्रौपदी जिसकी वजह से घर में हमेशा कलेश होते रहता था इन सब झगड़ों की वजह से बच्चे  भी परेशान रहते थें। मनोहर को अपनी पत्नी के चाल-चलन कुछ ठीक नहीं लगता था। कुछ ऐसी बातें जिसके करने से मनोहर द्रौपदी को रोकता था और इस कारण उसका और द्रौपदी का हमेशा झगड़ा होता रहता था। इस घटना के पहले भी द्रौपदी अपने पति मनोहर से झगड़ा कर के अपने मायके चली गई थी। और पुलिस के जाँच पड़ताल में ये पता चला की घटना के रात मनोहर का अपनी पत्नी द्रौपदी से टेलीफोनिक बात भी हुई थी। 

अब पुलिस ने इस मामले को प्रेम प्रसंग एंगल से इन्वेस्टीगेट करना शुरू किया और सामने निकल के आया एक सख्श का नाम जो रिश्ते में द्रौपदी का देवर सुरेंद्र लोथी था। पुलिस के इन्वेस्टीगेशन में परिजनों और ग्रामीणों ने बताया की द्रौपदी और सुरेंद्र के बिच तक़रीबन 6 साल से अवैध सम्बन्ध था जो अब छिपा नहीं था। आपको बता दें की पुलिस इन्वेस्टीगेशन में ये पता चला की द्रौपदी को उसके बच्चों और सास ने कई बार सुरेंद्र के साथ आपत्तिजनक स्तिथि में देख लिया था। इसके बाद गांव में तरह तरह की बाटे होने लगीं थी। ये सब बातें मनोहर और उसके परिवार के लिए सहने योग्य नहीं थी। 



हालाँकि मनोहर और उसके परिवार ने कइयों बरी द्रौपदी और सुरेंद्र को इस सम्बन्ध को समाप्त करने के लिए समझाया, लेकिन दोनों नहीं माने।  उलटे सुरेंद्र ने द्रौपदी को यह धमकी देना शुरू कर दिया की यदि वह उससे मिलने से मन करेगी तो वह उसके पुरे परिवार को ख़तम कर देगा। जाँच में यह बात भी पता चली की सुरेंद्र मनोहर का चचेरा भाई ही नहीं उसका करीबी दोस्त भी था और दोनों का आपसी सम्बन्ध इतना करीबी था की घटना के 10 दिन पहले ही दोनों ने साथ में मोबाइल ख़रीदा था। 

पुलिस का कहना है की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग जांच के लिए फोरेंसिक टीम को भेजा गया है। और अन्य जाँच रिपोर्ट मिलने के बाद इस पुरे मामले में उचित धाराओं में मामला दर्ज किया जायेगा। टिहर जैसे शांत और साधारण ग्राम पंचायत में एक साथ चार लोगों की आत्महत्या ने पुरे समाज को हिला गया है। 


ये कहानी सिर्फ एक सुसाइड नोट नहीं, बल्कि टूटते परिवारों की दास्तां है। ये कहानी बताती है की कैसे सामाजिक और मानसिक दबाव इंसान को आत्महत्या जैसे कठोर कदम उठाने पर मजबूर कर देता है। शक, तनाव और गुस्सा कैसे एक पूरे घर को खत्म कर देता है...

"अगर आप या आपका कोई तनाव में है, तो किसी से बात करें। जिंदगी की हर समस्या का कोई न कोई हल जरूर होता है।"


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